मुलायम की पार्टी को बेनी ने दिया था समाजवादी नाम, उनसे रूठ कर कांग्रेस में गए, फिर वापस लौटे थे


लखनऊ. पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा का देहावसान हो गया। वह 79 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका जन्‍म 11 फरवरी 1941 को उत्‍तरप्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। यूपी और केंद्र सरकार में मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे को टिकट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस में चले गए थे। जब वह कांग्रेस छोड़कर वापस सपा में आए तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि पार्टी को समाजवादी नाम बेनी प्रसाद वर्मा ने ही दिया था।


एलएलबी पास थे बेनी
बेनी बाबू के नाम से मशहूर पूर्व मंत्री की प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, जहां से उन्होंने लखनऊ विश्‍वविद्यालय से बीए तथा एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 1956 में उनकी शादी मालती देवी से हुई। उनके तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं।


अमर सिंह के कारण छोड़ी थी सपा
2008 में मुलायम से नाराज होकर बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया था। बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए 2007 के लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल पाई। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी क्रांति दल बनाया। इसके बाद 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और इस्पात मंत्री बनाए गए।



बेनी प्रसाद वर्मा कई साल तक यूपी की सपा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे। देवेगौड़ा सरकार के दौरान उन्होंने 1996 से 1998 तक केंद्र में संचार मंत्री का पद संभाला। 1998, 1999, 2004 और 2009 में गोंडा से सांसद चुने गए, जबकि यूपीए सरकार के दौरान 12 जुलाई 2011 को इस्पात मंत्री भी बनाए गए। 2014 के चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।


गन्ना सोसायटी के डायरेक्टर से केंद्रीय मंत्री तक का सफर
बेनी प्रसाद वर्मा 1970 में मुझे बुढ़वल शुगर मिल गन्ना सोसायटी के डायरेक्टर का चुनाव जीते। यहीं से उनकी राजनीति में एंट्री हुई। 1974 में विधानसभा चुनाव में रामसेवक यादव ने उन्हें बाराबंकी की दरियाबाद से चुनाव लड़वाया। वर्मा पहली बार विधानसभा पहुंचे। उस समय वह बाराबंकी के सोशलिस्ट नेताओं में सबसे जूनियर थे। उन्हें भारतीय लोकदल का प्रदेश महासचिव बना दिया। सीनियर नेता अनंतराम जायसवाल ने इस पर तंज किया। आपातकाल के बाद चुनाव होने वाले हैं। बेनी को मसौली से मोहसिना किदवई के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए। चौधरी चरण सिंह ने उन्हें इस सीट से चुनाव लड़ाया, जिसमें बेनी प्रसाद वर्मा की जीत हुई।